दैनिक प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक विषय गुलाब
💓 #गुलाब की खुशबू सा
अपने #भीतर
उतार लिया है तुम्हें 💓
💓 न #सूरत
न #मूरत
न #मुलाकात 💓
💓 न #कल
न #आज
बस #अहसासों में
बसा लिया है #तुम्हें 💓
💓 न #यहाँ
न #वहाँ
न #रिश्ता
न #फरिश्ता 💓
💓 न #आस में
न #कयास में
बस #रूह में बस लिया है
#तुम्हें...#✍️🌹🌹
🌹🌹स्नेह बंधन 🌹🌹
सुनीता गुप्ता "सरिता"कानपुर
Supriya Pathak
11-Oct-2022 06:42 PM
Bahut khoob 💐👍
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Suryansh
10-Oct-2022 08:38 PM
Oye hoye,,, क्या कहने जी,,, बहुत ही शानदार
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Pratikhya Priyadarshini
08-Oct-2022 11:16 PM
Achha likha hai 💐👍
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